Tuesday, February 15, 2011

हनुमानगढ़ में अब खोजे नहीं मिल रहे पत्रकार!


श्री गंगानगर जिला मुख्यालय पर जब धरने-प्रदर्शन होते हैं तब जितने लोग नहीं होते उनसे ज्यादा वहां पत्रकार इकट्ठे हो जाते हैं, लेकिन पड़ोसी जिले में हालात इसके विपरीत हैं. हनुमानगढ़ में इन दिनों पत्रकारों का भयंकर टोटा चल रहा है, जिसके चलते तीन सांध्य दैनिक अख़बार बंद हो चुके हैं, वहीं अन्य कई की हालत भी इन दिनों पतली हो गई है. अभाव का कारण पत्रकारों का कम होना तो है ही, बहुत से पत्रकार पत्रकारिता छोड़ कर अन्य काम-धंधे करने लगे हैं.

पत्रकारों की कमी के चलते सांध्य दैनिक माणिक्य, बेपर्दा-सच, लोकरुचि के प्रकाशन बंद हो चुके हैं. सांध्य दैनिक सायंकाल टाइम्स के संपादक सुभाष लोकवाणी और योर्कर के सम्पादक कपिल शर्मा इन दिनों खुद ही पत्रकार, कंप्यूटर ओपरेटर, सर्कुलेशन इंचार्ज और मार्केटिंग का काम कर रहे हैं. योर्कर को पुराने साथी रोशन अरोड़ा छोड़ चुके हैं. मॉर्निंग अख़बारों में दैनिक तेज को कंप्यूटर ऑपरेटर निर्मल और पत्रकार विशु वाट्स, सुभाष गुप्ता छोड़ गए. मशीन में योगेन्द्र ने भी कार्य छोड़ दिया. तेज केसरी में तो गत कई वर्षों से संदीप और संजय शर्मा स्वंय ही सारे कार्य करते हैं.
हनुमानगढ़ भास्कर में कार्यरत सुभाष बिश्नोई तथा राकेश सहारण ने भास्कर से किनारा कर लिया है. सुभाष बिश्नोई खुद का  व्यवसाय करने लग गए हैं. भास्कर छोड़ने बाद छगन श्रीमाली सरकारी अध्यापक बन गये हैं, वहीं जूडो कोच विनीत बिश्नोई भी कुछ समय के लिए सांध्य दैनिक सम्पादक बन पत्रकारिता का शौक पूरा कर फिर से ग्राउंड में बच्चों को खेल-खिलाने में लग गए हैं. पत्रिका से भी ब्यूरो चीफ सोम पारीक गंगानगर चले गए हैं. गंगानगर से प्रकाशित दैनिक सीमा सन्देश से वर्षों से जुड़े सुभाष गुप्ता और नरेश विद्यार्थी ने भी कार्य छोड़ दिया और जानकारी मिली है कि ब्यूरो चीफ पद पर कार्यरत पत्रकार संघ अध्यक्ष अनिल जांदू भी सीमा सन्देश से विदाई ले रहे हैं. वे अपने अन्य व्यवसायिक कार्यों में व्यस्त रहने लगे हैं.
न्यूज़ चैनलों को छोड़ने के बाद अब विश्वाश भटेजा राजस्थान पंजाब केसरी को भी लगभग छोड़ चुके हैं. विकास भटेजा ने न्यूज़ चैनल और अमित मिड्ढा ने प्रेस-फोटोग्राफरी का कार्य छोड़कर मेडिकल लाइन से जुड़ चुके हैं. लोकसम्मत छोड़ सुनील धुड़ियाँ ने प्रॉपर्टी डीलिंग व सांध्य अख़बारों का मार्केटिंग कार्य छोड़ गुरचरण धुड़ियाँ ने सोडा-शॉप खोल लिया हैं. गंगानगर से प्रकाशित होने वाले दैनिक अख़बारों में देनिक भोर, समाचार भारती, हांसल समाचार, सीमा किरण, प्रताप केसरी, राष्‍ट्रीय छवि, इवनिंग फाइटर, लोकसम्मत, हाईलाइन, सांध्य बॉर्डर टाइम्स के संपादकों ने अपना हनुमानगढ़ जिला कार्यालय खोलने के लिए पूरा जोर लगा लगा रखा है पर पत्रकार नहीं मिल रहे. इन अख़बारों के संपादक और उनकी टीम रोजाना जिला मुख्यालय के चक्कर लगाकर गिने-चुने पुराने पत्रकारों को टटोलने में लगी रहती है.
इसके अलावा गंगानगर से प्रकाशित सीमावर्ती, भू-मीत, वैश्य आभा, खेती गंगा, राजस्थान खेती जैसी कलर मैगजीनों के सम्पादक भी हनुमानगढ़ में रोजाना आते हैं पर हर बार नाकामयाबी ही हासिल होती है. कई बड़े अख़बार जैसे राष्ट्रदूत, ट्रिब्यून, सहारा समाचार भी समय-समय पर हनुमानगढ़ आकर प्रतिनिधि की नियुक्तियां करते रहते हैं और अभी भी हनुमानगढ़ में अपना अख़बार स्थापित करने का सपना संजोये हुए हैं. हनुमानगढ़ में कई साप्ताहिक, पाक्षिक और मासिक अख़बार बंद हो चुके हैं, वहीं अन्य भी किस्तों में चल रहे हैं. ताज़ा जानकारी के अनुसार भास्कर में भी कुछ नए आए पत्रकार अभी जमे ही नहीं हैं कि उससे पहले ही छोड़ने की बातें भी करने लगे हैं.

Tuesday, February 8, 2011

''ब्लेकमेलिंग-किंग'

इलेक्ट्रोनिक मिडिया के बिगड़ेल पत्रकार जो ''ब्लेकमेलिंग-किंग'' के नाम से क्षेत्र में मशहूर है | श्री गंगानगर-सूरतगढ़ के बाद इन महाशय ने हनुमानगढ़ में आकर डेरा डाल लिया और एक सांध्य-देनिक अख़बार के संपादक बन शहर के लोगों को एक सिरे से नंबर वाईज लूटना शुरू कर दिया | शहर का प्रत्येक मुख्य व्यक्ति,संगठन,पुलिस,एडवोकेट यहाँ तक की मिडिया के लोग बुरी तरह से इस व्यक्ति की हरकतों से परेशान हो गया था | एकबारगी तो टेम्पू वालों ने इस संपादक के खिलाफ हड़ताल कर दी थी | मारपीट,शराबखोरी,ब्लेकमेलिंग से मशहूर हुए ये पत्रकार गत दिनों रात्रि को फुल टली होकर जंक्शन बस स्टेंड के अन्दर बने होटल में जाकर रोब झाड़ते हुए शराब पीने के लिए कमरा माँगा | नहीं  देने पर सांध्य-देनिक अख़बार के संपादक होने का खूब रोब झाड़ा फिर भी बात नहीं बनी तो होटल मालिक के एक रिश्तेदार व कर्मचारी को दो-दो थपड़ जड़ दिए | जब इस हंगामे मारपीट  की खबर होटल-मालिक को लगी तो लम्बे-चोडे मजबूत कद-काठी वाले  होटल-मालिक  ने रात्रि को एक  बजे   बस स्टेंड के अन्दर इन संपादक महोदय और उनके साथियों को होकी से इतनी बुरी तरीके से पीटा की वो चलने लायक ही नहीं रहें | पुलिस केश न हो जाये इसलिए पीटने के बावजूद भी संपादक महोदय ने माफ़ी मांग पैर पकड़ माफ़ी मांगी | बताया तो ये भी जाता है कि संपादक कि पिटाई होते वक्त थाना-प्रभारी भी आ गए थे | पर सबकुछ देख अनजान बन आँखे बंद कर चले गए | संपादक महोदय ने ३-४ दिन अपना मोबाईल बंद ही रखा और ७ दिन बाद अपने ऑफिस आये वो भी लंगड़ाते हुए | ये घटना इन दिनों शहर में चर्चा का विषय बनी हुई है | और हर कोई इसे बहुत बढ़िया  बता रहा है |

जांदू सम्मानित


हनुमानगढ़। गणतंत्र दिवस समारोह में पत्रकारिता क्षेत्र में उत्कृष्ट सेवाओं के लिए पत्रकार अनिल जांदू को मुख्य अतिथि तकनीकी शिक्षा (कृषि) राज्य मंत्री मुरारी लाल मीणा व जिला कलक्टर भानु प्रकाश एटूरू द्वारा प्रशस्ति पत्र व स्मर्ति-चिन्ह प्रदान कर सम्मानित किया गया। जांदू को यह सम्मान सेम समस्या पर उत्कृष्ट संवाद संकलन, जिप्सम,नशे के विरुद्ध, जिले के पुरातत्व स्थानों एंव ग्रामीण क्षेत्र, सिंचाई व किसानों की कई समस्याओं,राज्य सरकार की कल्याणकारी योजनाओं तथा प्रशासनिक समाचारों के प्रचार प्रसार में अच्छा योगदान देने पर दिया गया। इस अवसर पर विधायक विनोद चौधरी, जिला प्रमुख शोभासिंह डूडी, पूर्व जिला प्रमुख राजेंद्र मक्कासर ने जांदू के उज्जवल भविष्य की कामना की।

Sunday, December 26, 2010

ज्यादातर पत्रकार भड़वे हैं

यदि तुम लोग सबको पत्रकार समझते हो तो ये बात बहुत ही गलत है क्योंकि हमारी नजर में तो तुम (श्रीगंगानगर वाले) पत्रकार नहीं हो। यह पत्रकारिता तो नहीं होती कि टांटिया या सिहाग अस्पताल वालों के छापे पड़े और पत्रिका के साथ ही बाकी अखबारों में इनका नाम न छपे। कई बार तो गुस्सा आता है कि सारे अखबार वालों के दफ्तर के आग लगा दूं क्योंकि तुम्हारे मालिक सबसे बड़े चोर हैं। तुम लोग उनके लिए वसूली करते हो और वे अपने महल बनाते हैं। तुम्हारी हालत वैसी की वैसी पड़ी है, यह भी सब जानते हैं। कुछ पत्रकार तो वास्तव में ठीक हैं तथा वे ईमानदार हैं परंतु ज्यादातर पत्रकार भड़वे हैं। 
हम कई बार आपस में बातें करते हैं कि गंगानगर में कुछ ऐसे असामाजिक तत्व हैं, जो खुद को नेता मानते हैं लेकिन जनता नहीं। वे लोग जब कोई हरकत करते हैं तो पत्रकार उन्हें हवा में चढ़ा देते हैं और उनकी बड़ी-बड़ी खबरें छापते हैं। वो घटिया लोग रास्ते रोकते हैं, टंकी पर चढ़ते हैं, कल्याण भूमि में लड़ते हैं, लोगों को पिटवाते हैं और हाय-हाय करते हैं। पुलिस वाले और सरकार वाले भी कमीने हैं जो वे उन पर मुकदमा दर्ज करने के बाद भी उनके खिलाफ कार्रवाई नहीं करते। राजवीर गंगानगर जिसको कल तक कोई जानता नहीं था, अखवार वालों को रुपए खिला दिए कि वे उसकी ही खबर छापते हैं वो चाहे गलत करे या सही, अखबार वालों का मानना है कि यही सही है। टिम्मा और जयदीप से सारे अखबार वाले डरते हैं इसलिए तो उनकी खबर नहीं छापते। पत्रकार तो ऐसे हैं जिनको जब मरजी प्रेस कानफे्रंस बुलाओ, उनको छोटा सा फरजी सा गिफ्ट देकर कोई भी खबर छपवा लो। कई तो टुकड़ों पर भी खबर छाप देते हैं। मैं भी एक संगठन से जुड़ा हुआ हूं, इसलिए यह तो अनुभव है। एक पत्रकार ने तो मेरे से मोटरसाइकिल की टंकी फुल करवाई और वह बेसरम एक दिन घर पर दिवाली के दिन पटाखे भी मांगने आ गया था।


नोट - इस संगठन वाले भाई ने पत्रकारों की कुछ और पोल खोली थी, लेकिन वह नाम-सहित थी, इसलिए उसे प्रकाशित नहीं किया जा रहा। बिना वास्तविक तथ्यों के ऐसा संभव नहीं, क्योंकि कोई किसी पर झूठा आरोप भी लगा सकता है। हां, यदि संगठन वाले भाई ने अपना नाम सार्वजनिक करने की अनुमति दी होती तो फिर अक्षरस: प्रकाशित कर पाना संभव था। 

हनुमानगढ़ पत्रिका- भास्कर में घमासान

हनुमानगढ़ में इन दिनों पत्रिका- भास्कर में खूब घमासान मचा हुआ है | दोनों अखबारों गंगानगर से अलग  ''हनुमानगढ़-संस्करण'' शुरू कर दिए है | प्रसार,विज्ञापन से ज्यादा इन दिनों समाचारों को लेकर जंग छिड़ी हुई है | दोनों के कार्यालयों में सम्पादक-मंडल में करीब 8 -9 पत्रकार होने के बावजूद भी अन्य अखबारों के पत्रकारों से भी सहयोग लिया जा रहा है | हालात ऐसे हो गए है की   पत्रिका- भास्कर के पत्रकारों को सुबह होने के इंतजार में  आजकल रात को नींद भी ढंग से नहीं आती है | कुछ तो 4 बजते ही गेट पर खड़े होकर होकर का इंतजार करने लग जाते है | उनका बस चले तो वे गंगानगर से आती  अख़बार ढ़ोने  वाली जीप के सामने ही चले जाये | कारण सिर्फ एक है वो है ''डर''  |  डर लगता है उन्हें की कही कोई समाचार छुट न जाये | क्राइम,कोर्ट,विभाग से लेकर सभी प्रकार के समाचारो के अलावाविशेस समाचारो (स्टोरी) पर भी ध्यान देना पड़ रहा है |  नारद जी को पता चला है की पिछले दिनों एक ही दिन में पत्रिका ने दो बड़े कोर्ट के समाचार छोड़ दिए जो भास्कर ने छाप दिए | इस पर पत्रिका ब्यूरो-चीफ को गंगानगर और जयपुर से खूब करी-खोटी सुननी पड़ी  |



सूत्र - नारद जी को हनुमानगढ़ से मिली एक मेल के अनुसार 

Saturday, December 18, 2010

भास्कर में घमासान

चर्चा है कि इन दिनों श्रीगंगानगर भास्कर में परदेसियों और लॉकल वालों में जमकर घमासान मचा हुआ है। परदेसी अपनी सोच, अपने विचार और अपनी जानकारी के अनुसार कार्य कर रहे हैं, जबकि लॉकल वाले चाहते हैं कि उनकी बराबर पूछ होती रहे। लॉकल वालों को अपेक्षा है कि परदेसी उनके अहसान तले काम करें, जबकि परेदसी उनकी उपेक्षा करने का कोई मौका नहीं छोड़ते। छोड़े भी क्यों, जब वे उनसे अधिक काबिल और बेहतर हों। लॉकल वाले, खासकर कथित सिटी रिपोर्टर और संपादक (सुधीर मिश्रा नहीं) इन दिनों परदेसियों से बेहद परेशान हैं और आए दिन अच्छी-खासी झड़प भी हो जाती है। एक दिन तो सुबह की बैठक में परदेसी इतने हावी हुए कि लॉकल वाले एक-दूसरे का मुंह तकते रह गए। ध्यान रहे, श्रीगंगानगर भास्कर में कई परदेसी बंधू इन दिनों सेवाएं दे रहे हैं, जिनसे लॉकल वाले खार खाए बैठे हैं। 


सूत्र - नारद जी को एक समाचार-पत्र के कार्यालय से मिली एक मेल के अनुसार 

Monday, December 13, 2010

पत्रकारों ने किया अधिकारी का सम्मान

हनुमानगढ़। राजस्थान श्रमजीवी पत्रकार संघ जिला इकाई हनुमानगढ द्वारा भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक दिलीप जाखड के जोधपुर स्थानांतरण पर उनका सम्मान किया गया। हनुमानगढ टाउन के होटल श्रीनाथ में आयोजित कार्यक्रम में पत्रकारों ने दिलीप जाखड के एक वर्ष के कार्यकाल में भ्रष्ट अधिकारियों व कर्मचारियों पर उनके द्वारा की गई कार्यवाही की सराहना की और कहा कि इससे आमजन में भ्रष्टाचार के विरोध में आवाज उठाने का जजबा पैदा हुआ है। कार्यक्रम में राजस्थान श्रमजीवी पत्रकार संघ के जिलाध्यक्ष अनिल जांदू ने श्री जाखड के उज्जवल भविष्य की कामना करते हुए उनसे आगे भी इसी तरह के कार्यकाल की उपेक्षा की। इसके अलावा जिला महासचिव राजु रामगढिय़ा ने कहा कि श्री जाखड के कार्यकाल में एक वर्ष में रिकॉर्ड कार्यवाहियां हुई जिससे भ्रष्ट अधिकारियों व कर्मचारियों में भय व्याप्त है। इसी प्रकार जिला कोषाध्यक्ष जगदीश गुप्ता, गुलाम नबी, विनीत बिश्रोई, संजीव शर्मा, विकास भठेजा आदि ने भी श्री जाखड के कार्यकाल को उल्लेखनीय बताते हुए उनके कार्यकाल की सराहना की।